70+premanand ji maharaj motivational quotes in hindi
premanand ji maharaj motivational quotes in hindi : राधारानी के भक्त स्वामी प्रेमानंद जी महाराज के भजन और सत्संग को सुनने आज लोग दूर-दूर से आते हैं। वे न केवल लोगों को भक्ति का मार्ग सुझाते हैं बल्कि उनकी कई उलझनों को भी सुलझाते हैं। उनके वचनों में आपको न केवल प्रभु के करीब पहुंचने का मार्ग मिलेगा बल्कि जीवन के कई सार भी मिलेंगे। तो, चलिए जानते हैं विस्तार से स्वामीजी के बारे में और उनके विचारों के बारे में.
स्वामी प्रेमानंद जी महाराज आज के समय में वृंदावन में अपने राधारानी की सेवा और जनकल्याण कर रहे हैं लेकिन उनका जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है। प्रेमानंद जी के परिवार में उनके दादाजी से लेकर उनके पिता और बड़े भाई तक भक्तिभाव में डूबे रहते थे और इसी माहौल का प्रभाव उनके जीवन पर भी पड़ा। प्रेमानंद जी महाराज की रुचि काफी कम उम्र में अध्यात्म की ओर बढ़ने लगी। जब वे 13 वर्ष के हुए, तो उन्होंने ब्रह्मचारी बनने का फैसला किया और इसके बाद वे घर का त्याग कर संन्यासी बन गए।
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70+premanand ji maharaj motivational quotes in hindi
जो हरि का भक्त होता है, उसे हमेशा जय की प्राप्ति होती है। उसे कोई परास्त नहीं कर सकता है।
प्रभु का नाम जप संख्या से नहीं, डूब कर करो।
बहुत होश में यह मत सोचो कोई देख नहीं रहा। आज तुम बुरा कर रहे हो, तो तुम्हारे पुण्य खर्चा हो रहे हैं। जिस दिन तुम्हारे पुण्य खर्चे हुए, अभी का पाप और पीछे का पाप मिलेगा, त्रिभुवन में कोई तुम्हें बचा नहीं सकेगा।
क्रोध से कभी किसी का मंगल नहीं हुआ है, ये आपके समस्त गुणों का नाश कर देता है।
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क्रोध को शांत करने के लिए एक ही उपाय है… बजाय यह सोचने के कि उसका हमारे प्रति क्या कर्तव्य है, हम यह सोचे कि हमारा उसके प्रति क्या कर्तव्य है।
जिनके मुख में प्रभु का नाम नहीं है, वह भले ही जीवित है लेकिन मुख से मरा हुआ है।
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कोई व्यक्ति तुम्हें दु:ख नहीं देता बल्कि तुम्हारे कर्म उस व्यक्ति के द्वारा दु:ख के रूप में प्राप्त होते हैं।
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प्रेमानन्द जी महाराज के सुविचार
भगवद प्राप्ति के लिए वेश परिवर्तन की नहीं, अपितु उद्धेश्य परिवर्तन की आवश्यकता है।
भगवान की आराधना के बिना मनुष्य सुख प्राप्त नहीं कर सकता; स्वप्न में भी शान्ति नहीं मिल सकती।
किसी भी तीर्थ में, किसी भी उत्सव में, किसी भी महान उत्सव में इतनी शक्ति नहीं है जितनी भगवान के नाम में है, इसलिए अपने आप को भगवान के नाम में डुबो दें।
सुबह उठते ही गुरुदेव को प्रणाम करें और निर्णय लें कि आज हम अपना पूरा समय भगवान को समर्पित करने का पूरा प्रयास करेंगे।
सत्य की राह चलने की निंदा और बुराई अवश्य होती है, इससे घबराना नहीं चाहिए। यह आपके बुरे कर्मों का नाश करती है।
इस भौतिक संसार में किसी के पास आपको पकड़ने की शक्ति नहीं है, आप ही हैं जो पकड़ते हैं और आप ही हैं जिन्हें छोड़ना है।
premanand ji ke anmol vichar
सभी समस्याओं के समाधान का एक सरल उपाय है। ईश्वर को अपना वास्तविक स्वरूप स्वीकार करें, उसके स्थान पर किसी को न रखें।
स्वयं को ईश्वर को समर्पित कर दो। यह जीवन जैसा भी है, उनका दिया हुआ है। तुम्हारे पास जितने भी साधन संसाधन है, वह उनकी कृपा का प्रभाव है। तुम जिसका भोग कर रहे हो, वह सब ईश्वर का है। ऐसे विचार के साथ कर्म करो, जीवन यापन करो, जीवन सुखमय होगा।
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प्रभु का नाम जप संख्या से नहीं, डूब कर करो।
यदि हम अपने मन को शांत और स्थिर करना चाहते हैं तो इसका एक उपाय यह है कि हम दृढ़तापूर्वक भगवान के चरणों में शरण लें और उनके नाम का जाप करें।
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सुख एवं दुःख की स्थिति सत्य नहीं है। सुख का स्वरुप विचार से है।